उदासी की जंगल में खफा शायरी
उदासी की जंगल में खफा शायरी
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हरिण जागकर दुःख का एक क्रोध है जैसे शहर में ये तेज़ हाफ़्ता.
निरंतर इसके शहर की गूंज
हृदय की प्यास से भरी लड़ाई का शब्दाजाल
द नींद के साथ, वो पंक्तियों को बुलाते हैं जो जमीन से भी कहीं ज्यादा उग्र हैं। सन्नाटे से भरी हुई, ये शायरी रोशनी की ओर झुकती है, अपनी हताशा को छिपाकर रखना नहीं जानती।
ये हैं वो पंक्तियाँ जिन्हें इरादे ने ढूँढा है, अपनी अनमोल किस्मतों को खुलकर दिखाते हैं।
जब गुस्सा हो उम्र भर का प्यार, खफा शायरी
दिल में जलाना की आग जब उम्र भर का प्यार, वोसुनना नहीं होता। खफा शायरी में सच्ची दुःख झलकती है। वो शब्द जो बोलने की बेकरारी से निकलते हैं, उनमें छिपी होती है एक सच्चाई का नमूना।
जिंदगी के रास्तों में गुस्सा तो आता ही रहता है, लेकिन प्यार की अग्नि भी उसी में छुपी होती है। खफा शायरी कहानी सिखाती है कि प्यार और गुस्सा दोनों ही एक हैं, बस एक दूसरे का दूसरा रूप।
ख़फ़ा दिल की धुन
एक नए जमाने के दिल में जब आशाएँ उगती हैं, तो भीषण गुस्सा भी छिप सकता है। यह एक अजीब सी कहानी है जहाँ इरादे का एक रास्ता बनाता है। शायरी में , खफा दिल की आहटें सुनाई देती हैं , जैसे कि एक शांत नदी ।
जरूरत नहीं है शब्दों की, खफा शायरी
शब्दों का साया कभी-कभी चोट पहुंचा सकता है। जब गुस्सा फूट जाता, तो शायरी ही सही दिल की धड़कन बजाने का माध्यम बनती है। एक छपी हुई पंक्ति, खामोशी से भी धड़कनें सुना सकती है|
नज़र में समझ जाये, खफा शायरी
उम्र भर की here दुःखी रूहों को मिटाने का काम करती है यह खफा शायरी। हर पंक्ति एक भावना का जहर, हर शब्द एक दर्द भरा इल्ज़ाम। समझने वाले के दिल में उमंग का आग बुझाने वाली ये शायरी, जिसे एक बार सुनना ही काफी है।
- हाथों से पकड़
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